
जन्मघुट्टी देने के पीछे सोच यह है कि इससे बच्चे को उसकी पेट की तकलीफ जैसे गैस बनना , मरोड़ आना , दूध नहीं पचना आदि में सहायता मिलती है । लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है एवम साथ ही यह देखा गया है कि जन्मघुट्टी से बच्चे को दस्त अधिक लगते है । ऐसे ही ग्राइप वाटर में अल्कोहल होता है , जिससे बच्चे को कुछ समय के लिये नींद अवश्य आ जाती है , लेकिन यह बच्चे की तकलीफ का स्थायी हल नहीं होता है ।
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